


भारत के लिए एक अच्छी खबर है। इंडियन फर्टिलाइजर कंपनी (IPL), कृभको (KRIBHCO) और सीआईएल (CIL) ने सऊदी अरब की मादेन कंपनी के साथ एक समझौता किया है। यह समझौता डीएपी खाद की सप्लाई को लेकर है।
समझौते के अनुसार, मादेन कंपनी अगले पांच वर्षों तक हर साल 3.1 मिलियन टन डीएपी खाद भारत को देगी। यह समझौता इस वित्तीय वर्ष से शुरू हो गया है। दोनों कंपनियां आपसी सहमति से इस समझौते को पांच साल के लिए और बढ़ा सकती हैं। यह समझौता उस समय हुआ है, जब रसायन और उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा पर हैं। उनकी मौजूदगी में ही इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
चीन ने लगाई थी रोक
भारत में डीएपी खाद की कमी हो रही है। यूरिया के बाद डीएपी दूसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला खाद है। चीन ने फॉस्फेट के निर्यात पर रोक लगा दी है। फॉस्फेट डीएपी खाद बनाने के लिए बहुत जरूरी होता है। इस वजह से भारत में डीएपी का उत्पादन कम हो गया है। चीन ने 26 जून से विशेष खाद का शिपमेंट भी रोक दिया है। विशेष खाद का इस्तेमाल फल, सब्जियां और दूसरी फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए किया जाता है।